इंटरनेट कैसे कार्य करता है ( HOW INTERNET WORKS ?)
दुनिया भर के अनेक छोटे-बड़े कंप्यूटर नेटवर्क को विभिन्न संचार माध्यमों से आपस में जोड़ने से इंटरनेट का निर्माण होता है | इंटरनेट क्लाइंट सर्वर मॉडल पर काम करता है | इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर एक Server से जुड़ा होता है तथा संसार के सभी Server विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा आपस में जुड़े होते हैं Server अपने से जुड़े उपयोगकर्ता को मांगी गई सूचना या डाटा उपलब्ध कराता है , यदि मांगी गई सूचना Server के पास उपलब्ध नहीं है तो वह Server की पहचान करता है जहां है सूचना उपलब्ध है तथा उस server से सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध करता है
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इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों के बीच डाटा स्थानांतरण के लिए यह आवश्यक है कि सभी नेटवर्क एक समान नियमों या प्रोटोकॉल का उपयोग करें | ओपन आर्किटेक्चर नेटवर्किंग द्वारा टीसीपीआईपी के द्वितीय नियमों के परिपालन द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान सुविधाजनक बनाया गया है इसमें सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए पैकेट स्विचिंग का प्रयोग किया जाता है जिसमें सूचनाओं का बंडल बनाकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है इस कारण एक ही संचार माध्यम का उपयोग विभिन्न व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है , इससे दुनियाभर के कंप्यूटर एक दूसरे से सीधे जुड़े बिना भी सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं |
किसी कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सेवा लेनी पड़ती है | टेलीफोन लाइन या वायरलेस द्वारा कंप्यूटर को इंटरनेट सेवा प्रदाता के सर्वर से जोड़ा जाता है इसके लिए हमें इंटरनेट सेवा प्रदाता को कुछ शुल्क भी देना पड़ता है |
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